Fifth Semester SL courses

Course Summary

      On completion of SEMESTER V - FRENCH, you will be able to have the following conversations:

●      Describe the landscape (ville, campagne)

●      Complain about neighbors

●      Convey advantages & disadvantages of living in a city/ countryside

●      Buy a ticket, speak of the itinerary and express distances

●      Accept or decline or cancel an invitation

●      Express your leisure time activities 

●      Opine about a performance and express dislike

●      Express obligation, interdiction, sentiments, apologies

●      Ask for help or comfort someone

You will learn basic vocabulary related to:

●      Nature, animals, city & its disadvantages

●      Cuisine-kitchen, cinema, theatre, literature

●      Love & friendship

You will learn basic grammar:

●      Verbs in Imparfait, passé compose (revision); reciprocal verbs

●      Adjectives & Adverbs [Comparatives (verbs / nouns) (plus … que, moins … que, aussi… que, autant … quemieux, meilleur)]

●      Pronouns ( relative pronouns (qui, que),object pronouns in imperative (COD, COI), demonstratif pronouns (celui, celle, ceux, celles), pronoun (tout)

●      Conjunctions [Logical articulateurs (à cause de, donc, mais, si/s’, parce que/ parce qu’)]

●      Interrogation (informal, formal, standard) (à qui, quoi, quand, d’où, que, quell, combien, comment, qu’est-ce que, est-ce que, que)

●      Direct & Indirect Speech in present tense



पाठ्यक्रम विवरण

    

पाठ्यक्रम

        स्नातक स्तर के तृतीय वर्ष के द्वीतीय भाषा हिंदी के विद्यार्थियों के मन में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति अभिरुचि जागृत करने का प्रयास गद्य साहित्य की निबंध, कहानी, संस्मरण, जीवनी, यात्रा, एकांकी, व्यंग्य जनसंचार का अर्थ, जनसंचार का महत्व, जनसंचार की प्रमुख विशेषताएं, जनसंचार के प्रकार, दृश्य, श्रवण, मुद्रण, नव इलेक्ट्रॉनिक जनसंचार के माध्यम, जनसंचार के माध्यमों में लोककलाएँ आदि विविध विधाओं के  किया गया है      

      आरम्भ में हिंदी की गद्य विकास यात्रा, हिंदी साहित्य के महान लेखक तथा उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालती है I विद्यार्थियों में समस्त कार्यों के प्रति उत्साह जाग्रत करने, उनमें नैतिक गुणों का विकास करने, उन्हें भारतीय संस्कृति की महत्ता से प्रेरित करने तथा देश और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सचेत करने की दृष्टि से इसमें महत्वपूर्ण निबंधों को चयनित किया गया है I

       मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत कविताओं तथा संस्मरण हृदय को संस्पर्शित करते हैं I इसके अतिरिक्त निबंध वर्तमान सामाजिक तथा राजनीतिक विसंगतियों पर प्रकाश डालते हैं I

      अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से बोधपरक विषय, भाषा तथा शैलीगत सरलता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है I कोई भी भाषा सीखना  वैसे तो बहुत उपयोगी होता है । और किसी भी भाषा में संवाद कर पाना एक खास प्रतिभा मानी जाती है ।  भविष्य में छात्र चाहे जिस किसी भी क्षेत्र में काम करें, अगर वे सही भाषा का प्रयोग जानते हैं तो वे उस क्षेत्र में महान उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं । जो लोग कई भाषाएं जानते हैं उन्हें करियर में कहीं ज्यादा बेहतर मौके मिल सकते  हैं । भाषाओं को सुननेसीखने और बोलने के साथ-साथ, अपनी खुद की भाषा की ओर भी एक नया दृष्टिकोण विकसित करते हैं ।

 कक्षा में पढ़ना, लिखनासुनना और बोलना-----इनके आधार कौशल पर निम्नलिखित श्रेणियों में गद्य-पद्य-भाग और व्याकरण को विभाजित किया गया हैइसके लिए शिक्षक पाठ / चयनित पैराग्राफ (अनुच्छेद) का शैक्षणिक उपयोग, छात्रों की क्षमता के अनुसार करते हैं । शिक्षक विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे विषयानुसार लघु प्रश्न पूछते हैं और चर्चा के आधार पर छात्रों को छोटे पैराग्राफ या निबंध लिखने के लिए कहते हैं I जिससे छात्र-समूह चर्चाओं में भाग लेकर लाभान्वित होते हैं I

 



भाषा प्रयोजनम्        

स्नातक पूर्व स्तरे द्वितीयं वर्षे द्वितीय भाषा संस्कृतम् अस्ति I अस्मिन् संस्कृत भाषा , संस्कृत साहित्यम् वैदिकसाहित्यम्लौकिकसाहित्यम्द्यद्यरूपकव्याकरणादयः ज्ञातुं शक्नुवन्ते I अपि  संस्कृत पठनम्लेखनम्संभाषणम्  कवि -काल विशेषादयः ज्ञास्यन्ते I संस्कृतभाषायाः सर्वव्यापकत्वंअधुनातन काले कृत्रिम मस्तिष्केषु (कम्प्यूटर् यन्त्रेषु) तस्याः प्रयोगम् -प्रयोजनादीनी विषदयति I अनुवादभ्यासार्थ संस्कृतभाषा अति सुलभ भाषा अस्ति I संस्कृत भाषा माध्यमेन संस्कृति,संस्कारंभारतीय आचार व्यवहाराण्यपिज्ञातुं शक्नुवन्ते  विद्यार्थयः |


पाठ्यक्रम विवरण:

स्नातक पूर्व स्तरे द्वितीय वर्षे संस्कृत पठ्यपुस्तकस्य नाम सारस्वती सुषमा II, अयं पुस्तकः पद्य, गद्य, व्याकरणम् इति त्रीणि विभागेन विभाजितःI कक्षे सर्वे छात्रा: पठनं, लेखनं,श्रवणं,वक्तव्यं(संभाषणम्) च करणीयम्I छात्राः एतद् विषयं ज्ञात्वा पठिष्यन्ति चेत् परीक्षे उत्तीर्णः भवेयुःअधिक अङ्काणि  अपि प्राप्नोति I