Second Semester SL courses

      On completion of SEMESTER II - FRENCH, you will be able to have the following competencies :

●      Narrate an event in the past using simple past tense par rapport the present

●      Speak about daily habits

●      Write a biography of a person

●      Indicate obligation, possibility and wish

●      Give a command using imperative and imperative negative

●      Speak about events in the immediate past and near future.  

●      Invite someone for lunch/dinner, accept/reject an invitation

●      Present your family members & friends

●      Tell time in a formal and informal way

●      Understand and respond to classroom instructions in French

You will learn basic vocabulary related to :

●      Activities of daily life

●      Time (second, minute, hour etc.)

●      Numbers (100 -  9999)

●      Adverbes of time (sometimes, always, this year, last year)

●      Adjectives to describe a person and a place

●      Climate, seasons, sensations

●      Emotions (être triste, être content)

You will learn basic grammar related to all seven parts of speech :

●      Verbs in present tense affirmation et négation ( aller, prendre, faire, lire, écrire, venir, choisir, sortir, dormir, offrir ), helping verbs (pouvoir, vouloir, devoir)

reflexive verbs (se lever, se raser) , verbs in imperative (Fermez la porte!), verbs & their prépositions (faire de, aller à, venir de, écrire à, sortir de, arriver à)

Verbs in passé composé (être and avoir as auxillary) and in negation along with reflexive verbs

Verbs in futur proche and passé récent

Verbs in futur simple (irregular verbs – avoir, être, aller, venir, faire, pouvoir, vouloir, devoir, savoir, tenir)

●      Nouns and determinants ( definite articles, indefinite articles, possessive adjectives, demonstrative adjectives, contracted articles )

●      Tonical pronouns (moi, toi, lui, elle, nous, vous, eux, elles), le pronom y

●      Conjunctions (parce que, pour, avec, et, ou)

●      Adjectives & gender (beau garçon vs belle fille)

●      Adverbs of time (toujours, quelques fois, chaque matin, le lundi, tous les jours)

In addition you will be introduced to interrogation (comment, qui, quoi, quand, quel/quelle, pourquoi) and punctuation in French (. , ? !) and the magic words (s’il vous plaît, merci, désolé(e)).


भाग : - II भाषा प्रयोजनम्        

स्नातक पूर्व स्तरे प्रथम वर्षे द्वितीय भाषा संस्कृतम् अस्ति I अस्मिन् संस्कृत भाषा , संस्कृत साहित्यम् वैदिकसाहित्यम्लौकिकसाहित्यम्द्यद्यरूपकव्याकरणादयः ज्ञातुं शक्नुवन्ते I अपि च संस्कृत पठनम्लेखनम्संभाषणम्  कवि -काल विशेषादयः ज्ञान्ते I संस्कृतभाषायाः सर्वव्यापकत्वंअधुनातन काले कृत्रिम मस्तिष्केषु (कम्प्यूटर् यन्त्रेषु) तस्याः प्रयोगम् -प्रयोजनादीनि विषदयन्ति I अनुवादाभ्यासार्थ संस्कृतभाषा अति सुलभ भाषा भवति I संस्कृत भाषा माध्यमेन संस्कृतिसंस्कारंभारतीय आचार व्यवहरण इत्यादिरपिज्ञातुं शक्नुवन्ते |

 

       

पाठ्यक्रम विवरण:

स्नातक पूर्व स्तरे प्रथम वर्षस्य  संस्कृत पठ्यपुस्तकस्य नाम सारस्वती सुषमाअयं पुस्तकः पद्यगद्यव्याकरणम् इति त्रीणि विभागेन विभाजितःकक्षे सर्वे छात्रापठनंलेखनंश्रवणंवक्तव्यं (संभाषणम्च करणीयम्छात्राः एतानि विषयानि ज्ञात्वा पठिष्यन्ति चेत् परीक्षे उत्तीर्णः भवेयुःअधिक अन्कान्यापि प्राप्नुवन्ति I

 

पाठ्यक्रम निष्कर्षः :-----

नूतनविषयावगाहण नूतनशब्दार्थाःव्याकरणज्ञानम् व्याकरणं प्रयुक्त नूतन वाक्यनिर्माणम् ,नूतन आलोचनाज्ञानम् नव्यसाहित्यनिर्माण पाठवं इत्यादिविषयक अवगाहणार्थं उपाद्यायाः उपयुक्त पाठ्यप्रणालिकटिप्पणी अपि ददाति।

 

CO.०१.शब्दस्य पूर्व स्वरूपं तत् समीचीन अर्थज्ञानम् ।

CO.०२.पुरातन भारतीय संस्कृतिः चारित्रक इतिहासादि विषयानाम् परिणत ज्ञानं प्राप्नोति ।

CO.०३. आधिविद्ये मौखिक लेखना नैपुण्यं आगमिष्यति।

CO.०४. परियोजनादि विजये स्वतन्त्रेन प्रदर्शनार्थं स्वशक्तिः प्राप्नोतिः

CO.०५. परिशीलनात्मकआलोचनात्मकसादृश्यनात्मक अध्यनादि विषयज्ञानं आगमिष्यति।

CO.०६. उपणिषदादि विषये अधुनिक आविष्करण स्थापने उपयुक्तः।

CO.०७. व्यवहारिक संस्कृत भाषायां लेखन अनुवाक निर्मानं आगच्छति।

CO.०८. विश्वमानव सौभ्रातृत्वं वसुधैव कुटुम्बक निर्माने स्वकर्तव्यं संपूर्णं करोति।

CO.०९. साहित्य इतिहास श्रवणे स्वजीवित लक्ष्यं पुरयति।

CO.१०. अन्ते भाषायां जीवनेऽपि कुशलत्वं प्रतिनिधित्वंवक्त्रुत्वंस्थैर्यं आगमिष्यति।


स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष के द्वीतीय भाषा हिंदी के विद्यार्थियों के मन में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति अभिरुचि जागृत करने का प्रयास प्रस्तुत पुस्तक (गद्य दर्पण एवं कथा सिंधु) में किया गया है I गद्य साहित्य की निबंध, कहानी, संस्मरण, जीवनी, यात्रा, एकांकी तथा व्यंग्य आदि विविध विधाओं के प्रसिद्ध साहित्यकारों की प्रतिभा के विविध रंगों से यह गद्य दर्पण सज्जित है I

      आरम्भ में हिंदी की गद्य विकास यात्रा, हिंदी साहित्य के महान लेखक तथा उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालती है I विद्यार्थियों में समस्त कार्यों के प्रति उत्साह जाग्रत करने, उनमें नैतिक गुणों का विकास करने, उन्हें भारतीय संस्कृति की महत्ता से प्रेरित करने तथा देश और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सचेत करने की दृष्टि से इसमें महत्वपूर्ण निबंधों को चयनित किया गया है I

       मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत कहानी तथा संस्मरण हृदय को संस्पर्शित करते हैं I इसमें निहित यात्रा वृत्त भारत भूमि के प्राकृतिक सौन्दर्य से अभिभूत करता है I इसके अतिरिक्त एकांकी तथा व्यंग्यपूर्ण निबंध वर्तमान सामाजिक तथा राजनीतिक विसंगतियों पर प्रकाश डालते हैं I

      अध्ययन की सुवुधा की दृष्टि से बोधपरक विषय, भाषा तथा शैलीगत सरलता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है I लेखक परिचय, कठिन शब्दार्थ,  पाठ संबंधित प्रश्न तथा हिंदी व्याकरण आदि विषयोपयोगी सामग्री से विद्यार्थी  निःसंदेह  लाभान्वित होंगे I

यह  पाठ्यक्रम निःसंदेह हिंदी गद्य-विधाओं का दर्पण है I कोई भी भाषा सीखना  वैसे तो

बहुत उपयोगी होता है । और किसी भी भाषा में संवाद कर पाना एक खास प्रतिभा मानी जाती है ।  भविष्य में छात्र चाहे जिस किसी भी क्षेत्र में काम करें, अगर वे सही भाषा का प्रयोग जानते हैं तो उन्हें क्षेत्र में महान उपलब्धि प्राप्त कर सकता है । जो लोग कई भाषाएं जानते हैं उन्हें करियर में कहीं ज्यादा बेहतर मौके मिल सकते  हैं । भाषाओं को सुनने, सीखने और बोलने के साथ साथ, अपनी खुद की भाषा की ओर भी एक नया दृष्टिकोण विकसित करते हैं ।

पाठ्यक्रम विवरण

     कक्षा में पढ़ना, लिखना, सुनना और बोलना-----इनके आधार कौशल पर निम्नलिखित श्रेणियों में गद्य-भाग और व्याकरण को विभाजित किया गया है, इसके लिए शिक्षक पाठ / चयनित पैराग्राफ (अनुच्छेद) का शैक्षणिक उपयोग,   छात्रों की क्षमता के अनुसार करते हैं । शिक्षक विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे विषयानुसार लघु प्रश्न पूछते हैं और चर्चा के आधार पर छात्रों को छोटे पैराग्राफ या निबंध लिखने के लिए कहते है I जिससे छात्र-समूह चर्चाओं में भाग लेकर लाभन्वित होते हैं I

 

पाट्यक्रम निष्कर्ष :

      नई धारणाओं,  शब्दावली  और उचित व्याकरण और संरचना के साथ हिंदी का प्रयोग, नए विचारों या लेखों को बनाने या अन्य लोगों द्वारा बनाई गई आलोचनात्मक विषय पर टिपण्णी देना I

CO 1 : बोलने और लेखन कौशल का अधिक से अधिक प्रदर्शन I

CO 2 : शब्दों और विचारों के बीच संबंधों को समझने की समझ I

CO 3 : मानव संबंधों के प्रति सहानुभूति और सराहना की भावना रखना I

CO 4 : छात्रों की  कहानियों में दिलचस्पी  का  विकास  करना I

CO 5 : छात्र सबसे अलग अपनी पहचान बनाने का प्रयास करें ।

CO 6 : लेखन कला की उत्कृष्टता के लिए सरल और जटिल शब्दों का भंडारण करना I

CO 7 : अपनी स्वयं की बनाई हुई दुनिया से बाहर निकल कर  सीखने और समझने के

      दौरान सहपाठियों को शामिल करते हुए, दूसरों के अनुभवों को महसूस करते हुए,   

      अपनी साहित्यिक शैली को पुष्ट करें I

CO 8 : कौशल और प्रतिनिधित्व के साथ भाषा और व्याख्यानों के सिद्धांतों को समझें   

      एवं उन्हें आत्मसात करने का प्रयत्न करें I