First Semester

COURSE OUTCOMES

The students will be able to…

 CO 1.  Read, write and understand the language.

 CO 2.  Speak the language to some extent, If practiced properly.

 CO 3.  Form correct sentences by using appropriate words.

 CO 4.  Write letters.

 CO 5.  Treat fellow beings and others with regard and respect.

 CO 6.  Give due respect to teachers, parents and elders.

 CO 7.  Inculcate values that help in overall developments of their personalities.

  CO 8.  Become good human beings by caring and empathizing the fellow beings.

 CO 9.  Become  responsible citizens who love their country and the nation.

CO.०१.शब्दस्य पूर्व स्वरूपं , तत् समीचीन अर्थज्ञानम् ।

CO.०२.पुरातन भारतीय संस्कृतिः , चारित्रक , इतिहासादि विषयानाम् परिणत ज्ञानं प्राप्नोति ।

CO.०३. आधिविद्ये मौखिक , लेखना नैपुण्यं आगमिष्यति।

CO.०४. परियोजनादि विजये स्वतन्त्रेन प्रदर्शनार्थं स्वशक्तिः प्राप्नोतिः

CO.०५. परिशीलनात्मक, आलोचनात्मक, सादृश्यनात्मक अध्यनादि विषयज्ञानं आगमिष्यति।

CO.०६. उपणिषदादि विषये अधुनिक आविष्करण स्थापने उपयुक्तः।

CO.०७. व्यवहारिक संस्कृत भाषायां लेखन अनुवाक निर्मानं आगच्छति।

CO.०८. विश्वमानव सौभ्रातृत्वं , वसुधैव कुटुम्बक निर्माने स्वकर्तव्यं संपूर्णं करोति।

CO.०९. साहित्य इतिहास श्रवणे स्वजीवित लक्ष्यं पुरयति।

CO.१०. अन्ते भाषायां जीवनेऽपि कुशलत्वं , प्रतिनिधित्वं, वक्त्रुत्वं, स्थैर्यं आगमिष्यति।


भाग : - I भाषा प्रयोजनम्        

स्नातक पूर्व स्तरे प्रथम वर्षस्य   द्वितीय भाषा संस्कृतम् अस्ति I अस्मिन् संस्कृत भाषा , संस्कृत साहित्यम् वैदिकसाहित्यम्लौकिकसाहित्यम्द्यद्यरूपकव्याकरणादयः ज्ञातुं शक्नुवन्ते I अपि च संस्कृत पठनम्लेखनम्संभाषणम्  कवि -काल विशेषादयः ज्ञायन्ते I संस्कृतभाषायाः सर्वव्यापकत्वंअधुनातन काले कृत्रिम मस्तिष्केषु (कम्प्यूटर् यन्त्रेषु) तस्याः प्रयोगम् -प्रयोजनादीनि विषदयन्ति I अनुवादाभ्यासर्थ संस्कृतभाषा अति सुलभ भाषा भवति  I संस्कृत भाषा माध्यमेन संस्कृतिसंस्कारंभारतीय आचार व्यवहाराण इत्यादिरपिज्ञातुं शक्नुवन्ते |       

पाठ्यक्रम विवरण:

स्नातक पूर्व स्तरे प्रथम वर्षस्य संस्कृत पठ्यपुस्तकस्य नाम ‘’ सारस्वती सुषमा I ’’ अयं पुस्तकः पद्य , गद्य, व्याकरणम् इति त्रीणि विभागेन विभाजितःI कक्षे सर्वे छात्रा: पठनं, लेखनं,श्रवणं,वक्तव्यं(संभाषणम्) च करणीयम्I छात्राः एतानि विषयाणि ज्ञात्वा पठिष्यन्ति चेत् परीक्षे उत्तीर्णः भवेयुःअधिक अङ्काण्यपि प्राप्नुवन्ति  I

पाठ्यक्रम निष्कर्षः :-----

नूतनविषयावगाहण नूतनशब्दार्थाःव्याकरणज्ञानम् व्याकरणं प्रयुक्त नूतन वाक्यनिर्माणम् ,नूतन आलोचनाज्ञानम् नव्यसाहित्यनिर्माण पाठवं इत्यादिविषयक अवगाहणार्थं उपाद्यायाः उपयुक्त पाठ्यप्रणालिकटिप्पणी अपि ददाति।

 

CO.०१.शब्दस्य पूर्व स्वरूपं तत् समीचीन अर्थज्ञानम् ।

CO.०२.पुरातन भारतीय संस्कृतिः चारित्रक इतिहासादि विषयानाम् परिणत ज्ञानं प्राप्नोति ।

CO.०३. आधिविद्ये मौखिक लेखना नैपुण्यं आगमिष्यति।

CO.०४. परियोजनादि विजये स्वतन्त्रेन प्रदर्शनार्थं स्वशक्तिः प्राप्नोतिः

CO.०५. परिशीलनात्मकआलोचनात्मकसादृश्यनात्मक अध्यनादि विषयज्ञानं आगमिष्यति।

CO.०६. उपणिषदादि विषये अधुनिक आविष्करण स्थापने उपयुक्तः।

CO.०७. व्यवहारिक संस्कृत भाषायां लेखन अनुवाक निर्मानं आगच्छति।

CO.०८. विश्वमानव सौभ्रातृत्वं वसुधैव कुटुम्बक निर्माने स्वकर्तव्यं संपूर्णं करोति।

CO.०९. साहित्य इतिहास श्रवणे स्वजीवित लक्ष्यं पुरयति।

CO.१०. अन्ते भाषायां जीवनेऽपि कुशलत्वं प्रतिनिधित्वंवक्त्रुत्वंस्थैर्यं आगमिष्यति।


           



भाग  I : पाठ्यक्रम

        स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष के द्वीतीय भाषा हिंदी के विद्यार्थियों के मन में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति अभिरुचि जागृत करने का प्रयास प्रस्तुत पुस्तक (गद्य दर्पण एवं कथा सिंधु) में किया गया है I गद्य साहित्य की निबंध, कहानी, संस्मरण, जीवनी, यात्रा, एकांकी तथा व्यंग्य आदि विविध विधाओं के प्रसिद्ध साहित्यकारों की प्रतिभा के विविध रंगों से यह गद्य दर्पण सज्जित है I

      आरम्भ में हिंदी की गद्य विकास यात्रा, हिंदी साहित्य के महान लेखक तथा उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालती है I विद्यार्थियों में समस्त कार्यों के प्रति उत्साह जाग्रत करने, उनमें नैतिक गुणों का विकास करने, उन्हें भारतीय संस्कृति की महत्ता से प्रेरित करने तथा देश और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सचेत करने की दृष्टि से इसमें महत्वपूर्ण निबंधों को चयनित किया गया है I

       मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत कहानी तथा संस्मरण हृदय को संस्पर्शित करते हैं I इसमें निहित यात्रा वृत्त भारत भूमि के प्राकृतिक सौन्दर्य से अभिभूत करता है I इसके अतिरिक्त एकांकी तथा व्यंग्यपूर्ण निबंध वर्तमान सामाजिक तथा राजनीतिक विसंगतियों पर प्रकाश डालते हैं I

      अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से बोधपरक विषय, भाषा तथा शैलीगत सरलता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है I लेखक परिचय, कठिन शब्दार्थ,  पाठ संबंधित प्रश्न तथा हिंदी व्याकरण आदि विषयोपयोगी सामग्री से विद्यार्थी  निःसंदेह  लाभान्वित होंगे I

यह  पाठ्यक्रम निःसंदेह हिंदी गद्य-विधाओं का दर्पण है I कोई भी भाषा सीखना  वैसे तो

बहुत उपयोगी होता है । और किसी भी भाषा में संवाद कर पाना एक खास प्रतिभा मानी जाती है ।  भविष्य में छात्र चाहे जिस किसी भी क्षेत्र में काम करें, अगर वे सही भाषा का प्रयोग जानते हैं तो उन्हें उस क्षेत्र में महान उपलब्धि प्राप्त हो सकती है । जो लोग कई भाषाएं जानते हैं उन्हें करियर में कहीं ज्यादा बेहतर मौके मिल सकते  हैं । वे भाषाओं को सुनने, सीखने और बोलने के साथ-साथ, अपनी खुद की भाषा की ओर भी एक नया दृष्टिकोण विकसित करते हैं ।

पाठ्यक्रम विवरण

     कक्षा में पढ़ना, लिखना, सुनना और बोलना-----इनके आधार कौशल पर निम्नलिखित श्रेणियों में गद्य-भाग और व्याकरण को विभाजित किया गया है, इसके लिए शिक्षक पाठ / चयनित पैराग्राफ (अनुच्छेद) का शैक्षणिक उपयोग,   छात्रों की क्षमता के अनुसार करते हैं । शिक्षक विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे विषयानुसार लघु प्रश्न पूछते हैं और चर्चा के आधार पर छात्रों को छोटे पैराग्राफ या निबंध लिखने के लिए कहते है I जिससे छात्र-समूह चर्चाओं में भाग लेकर लाभान्वित होते हैं I

 

पाट्यक्रम निष्कर्ष :

      नई धारणाओं,  शब्दावली  और उचित व्याकरण और संरचना के साथ हिंदी का प्रयोग, नए विचारों या लेखों को बनाने या अन्य लोगों द्वारा बनाई गई आलोचनात्मक विषय पर टिपण्णी देना

1.      बोलने और लेखन कौशल का अधिक से अधिक प्रदर्शन

2.      शब्दों और विचारों के बीच संबंधों को समझने की समझ

3.      मानव संबंधों के प्रति सहानुभूति और सराहना की भावना रखना

4.      छात्रों की  कहानियों में दिलचस्पी  का  विकास  करना  

5.      छात्र सबसे अलग अपनी पहचान बनाने का प्रयास करें ।

6.      लेखन कला की उत्कृष्टता के लिए सरल और जटिल शब्दों का भंडारण करना

7.      अपनी स्वयं की बनाई हुई दुनिया से बाहर निकल कर  सीखने और समझने के दौरान सहपाठियों को शामिल करते हुए, दूसरों के अनुभवों को महसूस करते हुए,   अपनी साहित्यिक शैली को पुष्ट करें

8.      कौशल और प्रतिनिधित्व के साथ भाषा और व्याख्यानों के सिद्धांतों को समझें    एवं उन्हें आत्मसात करने का प्रयत्न करें

 

 

खण्ड : I गद्य दर्पण

1. उत्साह                        रामचंद्र शुक्ल

2. चरित्र संगठन                  बाबू गुलाबराय                              

3. बाज़ार दर्शन                   जैनेंद्र कुमार    

 

खण्ड   : II गद्य दर्पण

1. भाभी                         महादेवी वर्मा

2. भारत में संस्कृति संगम          रामधारी सिंह ‘दिनकर’

3. राष्ट्र का स्वरूप                 वासुदेव शरण अग्रवाल

खण्ड  : III कथा सिन्धु

1. सद्गति                       प्रेमचंद

2. छोटा जादूगर                  जयशंकर प्रसाद  

3. सच का सौदा                  सुदर्शन  

खण्ड  : IV कथा सिन्धु

1. प्रायश्चित                      भगवती चरण वर्मा

2. परदा                          यशपाल

3.चीफ की दावत                  भीष्म साहनी

 

खण्ड  : V व्याकरण

1.  लिंग  

2.  वचन

3.  काल

4. कारक

5. वाच्य

6. अनुवाद (कार्यालयीन हिंदी) 

भाग  III :  पाठ्यक्रम अनुसूची

1.     पाठ्यक्रम निष्कर्ष और सीखने के परिणाम

2.     प्रस्तावित निर्देशात्मक रणनीति के साथ सत्र-वार अनुसूचि

   3. अपेक्षित पठन-सूचि

  4. आकलन अनु-सूचि


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