Third Semester

CO.०१.शब्दस्य पूर्व स्वरूपं , तत् समीचीन अर्थज्ञानम् ।

CO.०२.पुरातन भारतीय संस्कृतिः , चारित्रक , इतिहासादि विषयानाम् परिणत ज्ञानं प्राप्नोति ।

CO.०३. आधिविद्ये मौखिक , लेखना नैपुण्यं आगमिष्यति।

CO.०४. परियोजनादि विजये स्वतन्त्रेन प्रदर्शनार्थं स्वशक्तिः प्राप्नोतिः

CO.०५. परिशीलनात्मक, आलोचनात्मक, सादृश्यनात्मक अध्यनादि विषयज्ञानं आगमिष्यति।

CO.०६. उपणिषदादि विषये अधुनिक आविष्करण स्थापने उपयुक्तः।

CO.०७. व्यवहारिक संस्कृत भाषायां लेखन अनुवाक निर्मानं आगच्छति।

CO.०८. विश्वमानव सौभ्रातृत्वं , वसुधैव कुटुम्बक निर्माने स्वकर्तव्यं संपूर्णं करोति।

CO.०९. साहित्य इतिहास श्रवणे स्वजीवित लक्ष्यं पुरयति।

CO.१०. अन्ते भाषायां जीवनेऽपि कुशलत्वं , प्रतिनिधित्वं, वक्त्रुत्वं, स्थैर्यं आगमिष्यति।


भाषा प्रयोजनम्        

स्नातक पूर्व स्तरे द्वितीयं वर्षे द्वितीय भाषा संस्कृतम् अस्ति I अस्मिन् संस्कृत भाषा , संस्कृत साहित्यम् वैदिकसाहित्यम्, लौकिकसाहित्यम्, द्य, द्य, रूपक, व्याकरणादयः ज्ञातुं शक्नुवन्ते I अपि संस्कृत पठनम्, लेखनम्, संभाषणम्  कवि -काल विशेषादयः ज्ञास्यन्ते I संस्कृतभाषायाः सर्वव्यापकत्वं, अधुनातन काले कृत्रिम मस्तिष्केषु (कम्प्यूटर् यन्त्रेषु) तस्याः प्रयोगम् -प्रयोजनादीनी विषदयति I अनुवादभ्यासार्थ संस्कृतभाषा अति सुलभ भाषा अस्ति I संस्कृत भाषा माध्यमेन संस्कृति,संस्कारं, भारतीय आचार व्यवहाराण्यपिज्ञातुं शक्नुवन्ते  विद्यार्थयः |

       

पाठ्यक्रम विवरण:

स्नातक पूर्व स्तरे द्वितीय वर्षे संस्कृत पठ्यपुस्तकस्य नाम सारस्वती सुषमा II, अयं पुस्तकः पद्य, गद्य, व्याकरणम् इति त्रीणि विभागेन विभाजितःI कक्षे सर्वे छात्रा: पठनं, लेखनं,श्रवणं,वक्तव्यं(संभाषणम्) च करणीयम्I छात्राः एतद् विषयं ज्ञात्वा पठिष्यन्ति चेत् परीक्षे उत्तीर्णः भवेयुःI अधिक अङ्काणि  अपि प्राप्नोति I


CO.०१.शब्दस्य पूर्व स्वरूपं तत् समीचीन अर्थज्ञानम् ।

CO.०२.पुरातन भारतीय संस्कृतिः चारित्रक इतिहासादि विषयानाम् परिणत ज्ञानं प्राप्नोति ।

CO.०३. आधिविद्ये मौखिक लेखना नैपुण्यं आगमिष्यति।

CO.०४. परियोजनादि विजये स्वतन्त्रेन प्रदर्शनार्थं स्वशक्तिः प्राप्नोतिः

CO.०५. परिशीलनात्मकआलोचनात्मकसादृश्यनात्मक अध्यनादि विषयज्ञानं आगमिष्यति।

CO.०६. उपणिषदादि विषये अधुनिक आविष्करण स्थापने उपयुक्तः।

CO.०७. व्यवहारिक संस्कृत भाषायां लेखन अनुवाक निर्मानं आगच्छति।

CO.०८. विश्वमानव सौभ्रातृत्वं वसुधैव कुटुम्बक निर्माने स्वकर्तव्यं संपूर्णं करोति।

CO.०९. साहित्य इतिहास श्रवणे स्वजीवित लक्ष्यं पुरयति।

CO.१०. अन्ते भाषायां जीवनेऽपि कुशलत्वं प्रतिनिधित्वंवक्त्रुत्वंस्थैर्यं आगमिष्यति।


SECTION –II :   THE COURSE

The course has been designed and prepared by an expert panel of Osmania University. It addresses  the needs of the students regarding the studies of Arabic language. It will help them to learn the language accurately through the lens of grammar.

The course has five units. 1) Classical Prose : In this unit there are two chapters: (a) The Holy Qur’an. (b) The Holy Hadith  2) Modern Prose : It has 2 lessons. 3) Modern Poetry : It has 2 poems.

4) Grammar : It has 2 chapters in grammar. 5) Arabic History : It has 3 chapters from the history of Arabic literature.    

 

COURSE DESCRIPTION

The syllabus has been designed to help the Under-graduate students to improve their linguistic skills and moral values. In the classes the focus will be on Reading comprehension, Writing comprehension, Listening comprehension and Speaking comprehension. The teacher will engage the students in various activities such as to read the text loudly, make them to form small sentences by using the new words, to give them more exercises to consolidate their knowledge in the language  etc. to develop these skills.

 

COURSE OUTCOMES

The students will be able to…

 CO 1.  Read, write and understand the language.

 CO 2.  Speak the language to some extent, If practiced properly.

 CO 3.  Form correct sentences by using appropriate words.

 CO 4.  Write letters.

 CO 5.  Treat fellow beings and others with regard and respect.

 CO 6.  Give due respect to teachers, parents and elders.

 CO 7.  Inculcate values that help in overall developments of their personalities.

 CO 8.  Become good human beings by caring and empathizing the fellow beings.

 CO 9.  Become  responsible citizens who love their country and the nation.

SECTION – III  STUDENT AND INSTRUCTOR RESPONSIBILITIES

 

The Instructor is expected to…..

 

1.      Share the course objective and the unit objective with the students

2.      Be on time to the class

3.      Engage the students in academic activities which may brighten their future

4.      Have patience while dealing with the students

5.      Be approachable to students inside and outside of the classroom

 

The students are expected to….

 

1.      Be regular to college with a fresh mind

2.      Be in time to class

3.      Respect teachers and elders

4.      Be ready with text books, note books and other necessary items

5.      Perform and submit the assigned tasks

6.      Submit assignments on time

7.      Maintain discipline and abstain from misbehavior

 

SECTION – IV COURSE SCHEDULE

 

Ø  Units with learning outcomes

Ø  Session-wise schedule with proposed instructional strategy

Ø  Expected Reading List

Ø  Assessment schedule



भाग  II : पाठ्यक्रम

        स्नातक स्तर के द्वितीय वर्ष के द्वीतीय भाषा हिंदी के विद्यार्थियों के मन में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति अभिरुचि जागृत करने का प्रयास प्रस्तुत पुस्तक (काव्य निधि एवं हिंदी साहित्य का इतिहास) में किया गया है I गद्य साहित्य की निबंध, कहानी, संस्मरण, जीवनी, यात्रा, एकांकी तथा व्यंग्य आदि विविध विधाओं के प्रसिद्ध      साहित्यकारों की प्रतिभा के विविध रंगों से यह (काव्य निधि एवं हिंदी साहित्य का इतिहास) सज्जित है I

      आरम्भ में हिंदी की गद्य विकास यात्रा, हिंदी साहित्य के महान लेखक तथा उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालती है I विद्यार्थियों में समस्त कार्यों के प्रति उत्साह जाग्रत करने, उनमें नैतिक गुणों का विकास करने, उन्हें भारतीय संस्कृति की महत्ता से प्रेरित करने तथा देश और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सचेत करने की दृष्टि से इसमें महत्वपूर्ण निबंधों को चयनित किया गया है I

       मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत कविताओं तथा संस्मरण हृदय को संस्पर्शित करते हैं I इसके अतिरिक्त निबंध वर्तमान सामाजिक तथा राजनीतिक विसंगतियों पर प्रकाश डालते हैं I

 

 

 

      अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से बोधपरक विषय, भाषा तथा शैलीगत सरलता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है I लेखक परिचय, कठिन शब्दार्थ, पाठ संबंधित प्रश्न, हिंदी साहित्य का इतिहास तथा हिंदी व्याकरण आदि विषयोपयोगी सामग्री से विद्यार्थी  निःसंदेह  लाभान्वित होंगे I यह  पाठ्यक्रम निःसंदेह हिंदी गद्य-पद्य-विधाओं का दर्पण    है I कोई भी भाषा सीखना  वैसे तो बहुत उपयोगी होता है । और किसी भी भाषा में संवाद कर पाना एक खास प्रतिभा मानी जाती है ।  भविष्य में छात्र चाहे जिस किसी भी क्षेत्र में काम करें, अगर वे सही भाषा का प्रयोग जानते हैं तो वे उस क्षेत्र में महान उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं । जो लोग कई भाषाएं जानते हैं उन्हें करियर में कहीं ज्यादा बेहतर मौके मिल सकते  हैं । भाषाओं को सुनने, सीखने और बोलने के साथ-साथ, अपनी खुद की भाषा की ओर भी एक नया दृष्टिकोण विकसित करते हैं ।

पाठ्यक्रम विवरण

     कक्षा में पढ़ना, लिखना, सुनना और बोलना-----इनके आधार कौशल पर निम्नलिखित श्रेणियों में गद्य-पद्य-भाग और व्याकरण को विभाजित किया गया है, इसके लिए शिक्षक पाठ / चयनित पैराग्राफ (अनुच्छेद) का शैक्षणिक उपयोग, छात्रों की क्षमता के अनुसार करते हैं । शिक्षक विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे विषयानुसार लघु प्रश्न पूछते हैं और चर्चा के आधार पर छात्रों को छोटे पैराग्राफ या निबंध लिखने के लिए कहते हैं I जिससे छात्र-समूह चर्चाओं में भाग लेकर लाभान्वित होते हैं I

 

पाठ्यक्रम निष्कर्ष :

      नई धारणाओं,  शब्दावली  और उचित व्याकरण और संरचना के साथ हिंदी का प्रयोग, नए विचारों या लेखों को बनाने या अन्य लोगों द्वारा बनाई गई आलोचनात्मक विषय पर टिपण्णी देना I

1.      बोलने और लेखन कौशल का अधिक से अधिक प्रदर्शन

2.      शब्दों और विचारों के बीच संबंधों को समझने की समझ

3.      मानव संबंधों के प्रति सहानुभूति और सराहना की भावना रखना

4.      छात्रों की कहानियों में दिलचस्पी का विकास  करना  

5.      छात्र सबसे अलग अपनी पहचान बनाने का प्रयास करें

6.      लेखन कला की उत्कृष्टता के लिए सरल और जटिल शब्दों का भंडारण करना

7.      अपनी स्वयं की बनाई हुई दुनिया से बाहर निकल कर सीखने और समझने के दौरान सहपाठियों को शामिल करते हुए, दूसरों के अनुभवों को महसूस करते हुए,   अपनी साहित्यिक शैली को पुष्ट करें

8.      कौशल और प्रतिनिधित्व के साथ भाषा और व्याख्यानों के सिद्धांतों को समझें    एवं उन्हें आत्मसात करने का प्रयत्न करें

 

 

 

 

खण्ड : I काव्य निधि  

1.  कबीर के दोहे                  कबीर दास  

2. तुलसी के दोहे                  तुलसीदास

3.  बाल लीला                    सूरदास 

 

खण्ड : II काव्य निधि 

1.  नवयुवकों से                  मैथिलीशरण गुप्त

2. फूल और काँटा                अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

3. भारत                        जयशंकर प्रसाद

 

खण्ड : III काव्य निधि    

1. जीवन का अधिकार             सुमित्रानंदन पंत

2. मेरा नया बचपन               सुभद्राकुमारी चौहान  

 

खण्ड  : IV हिंदी साहित्य का इतिहास

1. आदिकाल  (परिस्थितियाँ एवं प्रवृत्तियाँ

2. भक्तिकाल (परिस्थितियाँ एवं प्रवृत्तियाँ

 

खण्ड  : V रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय

1.  चंदबरदाई

2.  कबीर

3.  तुलसीदास

4. सूरदास

5. भारतेंदु हरिश्चंद्र

6. मैथिली शरण गुप्त

7. जयशंकर प्रसाद

8. सुमित्रानंदन पंत

9. रामधारी सिंह दिनकर

 

 

 

 

खण्ड  : VI

1. निबंध

2. अनुवाद  

  

भाग  III :  पाठ्यक्रम अनुसूचि

1.     पाठ्यक्रम निष्कर्ष और सीखने के परिणाम

2.     प्रस्तावित निर्देशात्मक रणनीति के साथ सत्र-वार अनुसूचि

   3. अपेक्षित पठन-सूचि

  4. आकलन अनु-सूचि


III semester syllabus is equivalent to A2.1 DELF(The DELF and DALF are diplomas awarded by the French Ministry of Education to prove the French-language skills of non-French candidates) which  is a grammar based test. So focusing on grammar should be your main target. That does not mean that you can take other aspects lightly. All delf exams consists of 4 parts. Listening, writing skills, comprehension and speaking.

For listening, you can use the CD (of text book) or  youtube to search for different kinds of videos in french. You can make a habit of noting down all the key words or phrases for the audio or  video for practice.

For writing skills, well…just write! Solve online exercises. I’m sure there are ample of them available on the internet and your workbook.

The same goes for comprehension. There are different kinds of comprehension books available online and exercices in your text book and workbook. You just might have to do a little bit of research to find them.

For speaking skills, when you have some time, pick up a topic of your choice and speak about it for 4–5minutes as much as you can. Auto-correction is appreciated. You must develop a habit of thinking in french and not thinking in english and then translating the thought in french. This is where we make mistakes the most.