Course code | SLS1 (Sanskrit) |
Course type | SL (Sanskrit) |
Course Title | Sanskrit |
Teaching hours per week – Theory | 3 hours ( 4 credits) |
1.Instructor-In-charge : Vasanth Rao .B (MA, B.Ed. )
Email ID : vasantharao@stmaryscollege.in
About the Instructor
Lecturer in Sanskrit
Vasanth Rao has been teaching intermediate and undergraduate students for more than 10 years now. Prior to joining the St. Mary’s College in 2016, he worked with several prestigious institutions at Hyderabad and Vishakhapatnam. He is lively and amiable by nature and passionate about Sanskrit. He is committed to making a difference in the lives of his students and friends. He is also an instructor of Yoga and Meditation.
2.Course Description:स्नातक पूर्व स्तरे प्रथम वर्षस्य द्वितीय भाषा संस्कृतम् अस्ति I अस्मिन् संस्कृत भाषा , संस्कृत साहित्यम् वैदिकसाहित्यम्, लौकिकसाहित्यम्, पद्य, गद्य, रूपक, व्याकरणादयः ज्ञातुं शक्नुवन्ते I अपि च संस्कृत पठनम्, लेखनम्, संभाषणम् कवि -काल विशेषादयः ज्ञायन्ते I संस्कृतभाषायाः सर्वव्यापकत्वं, अधुनातन काले कृत्रिम मस्तिष्केषु (कम्प्यूटर् यन्त्रेषु) तस्याः प्रयोगम् -प्रयोजनादीनि विषदयन्ति I अनुवादाभ्यासर्थं संस्कृतभाषा अति सुलभ भाषा भवति I संस्कृत भाषा माध्यमेन संस्कृति, संस्कारं, भारतीय आचार व्यवहाराण इत्यादिरपिज्ञातुं शक्नुवन्ते |
पाठ्यक्रम विवरण:
स्नातक पूर्व स्तरे प्रथम वर्षस्य संस्कृत पठ्यपुस्तकस्य नाम ‘’ सारस्वती सुषमा I ’’ अयं पुस्तकः पद्य , गद्य, व्याकरणम् इति त्रीणि विभागेन विभाजितःI कक्षे सर्वे छात्रा: पठनं, लेखनं,श्रवणं,वक्तव्यं(संभाषणम्) च करणीयम्I छात्राः एतानि विषयाणि ज्ञात्वा पठिष्यन्ति चेत् परीक्षे उत्तीर्णः भवेयुःI अधिक अङ्काण्यपि प्राप्नुवन्ति I
पाठ्यक्रम निष्कर्षः :-----
नूतनविषयावगाहण , नूतनशब्दार्थाः, व्याकरणज्ञानम् , व्याकरणं प्रयुक्त नूतन वाक्यनिर्माणम् ,नूतन आलोचनाज्ञानम् , नव्यसाहित्यनिर्माण पाठवं , इत्यादिविषयक अवगाहणार्थं उपाद्यायाः उपयुक्त पाठ्यप्रणालिक, टिप्पणी अपि ददाति।
CO.०१.शब्दस्य पूर्व स्वरूपं , तत् समीचीन अर्थज्ञानम् ।
CO.०२.पुरातन भारतीय संस्कृतिः , चारित्रक , इतिहासादि विषयानाम् परिणत ज्ञानं प्राप्नोति ।
CO.०३. आधिविद्ये मौखिक , लेखना नैपुण्यं आगमिष्यति।
CO.०४. परियोजनादि विजये स्वतन्त्रेन प्रदर्शनार्थं स्वशक्तिः प्राप्नोतिः
CO.०५. परिशीलनात्मक, आलोचनात्मक, सादृश्यनात्मक अध्यनादि विषयज्ञानं आगमिष्यति।
CO.०६. उपणिषदादि विषये अधुनिक आविष्करण स्थापने उपयुक्तः।
CO.०७. व्यवहारिक संस्कृत भाषायां लेखन अनुवाक निर्मानं आगच्छति।
CO.०८. विश्वमानव सौभ्रातृत्वं , वसुधैव कुटुम्बक निर्माने स्वकर्तव्यं संपूर्णं करोति।
CO.०९. साहित्य इतिहास श्रवणे स्वजीवित लक्ष्यं पुरयति।
CO.१०. अन्ते भाषायां जीवनेऽपि कुशलत्वं , प्रतिनिधित्वं, वक्त्रुत्वं, स्थैर्यं आगमिष्यति।
3.विषयानुक्रमणिका
खण्ड: - १ पद्यभगः कविः
१. मुदभिषेक्तुम् वरद त्वमर्हसि (वाल्मीकिमहर्षिः )
२. हिमालयो नाम नगाधिराजः ( महाकविः कालिदासः)
खण्ड: - २ गद्यभगः
३. धर्मबद्धो दौवारिकः (अम्बिकादत्तव्यासः)
४. कृतघ्ने नास्ति निष्कृतिः ( विष्णुशर्मा )
खण्ड: - ३ पद्यभगः
५. एष धर्मः सनातनः ( सुभाषितानि )
खण्ड: - ४ व्याकरणम्
७.शब्दाः ( पाणिनि )
८ .संस्कृतसम्भाषणाभ्यासः
खण्ड: - ५ व्याकरणम्
९. सन्धयः ( पाणिनि)
१०. संस्कृतसम्भाषणाभ्यासः
- Teacher: VASANTHA RAO B
- Teacher: SAIKIRAN D
Course Summary ملخّص الدّورة
تمّ تصميم الدورة و إعدادها من قبل لجنة خبراء من الجامعة العثمانية و يتناول احتياجات الطلاب فيما يتعلق بدراسات اللغة العربية . وسوف يساعدهم على تعلم اللغة بدقّة من خلال عدسات القواعد .
أهداف الدّورة
١ . تمّ تصميم المنهج لمساعدة طلاب الدراسات العليا على تحسين مهاراتهم اللغويّة وقيمهم الأخلاقيّة
سيتمّ التركيز فى الفصول على فهم القراءة و الفهم الكتابيّ و الفهم المسموع و الفهم التّحدّثيّ . .٢
Course Outcomes نتائج الدّورة
CO 1 سيكون الطلاب قادرين على القراءة و الكتابة و فهم اللغة العربية
CO 2 التحدّث باللغة الى حدّمّا ، اذا تمّ ممارستها بشكل صحيح
CO 3 بناء الجمل الصحيحة بإستخدام الكلمات المناسبة
CO 4 يدركون قيمهم و ثقافتهم و يعيشون حياة كريمة
CO 5 حافظ على علاقة جيدة مع اخوانك و ساعدهم عندما يواجهون مشكلة
CO 6 اعمل دائما من أجل رفعة الفقراء و المحتاجين
CO 7 إعطاء الإحترام الواجب للمعلمين و أولياء الأمور و كبار السن
- Teacher: ISMAIL C
SL (SANSKRIT)
Course code Academic Year | SLS1 (SANSKRIT) 2025-2028 |
Course type | Language course |
Course Title | SANSKRIT |
Teaching hours per week – Theory | 4 hours ( 4 credits) |
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Course details
Course Description:
भाषा प्रयोजनम्
स्नातक पूर्व स्तरे प्रथम वर्षस्य द्वितीय भाषा संस्कृतम् अस्ति I अस्मिन् संस्कृत भाषा , संस्कृत साहित्यम् वैदिकसाहित्यम्, लौकिकसाहित्यम्, पद्य, गद्य, रूपक, व्याकरणादयः ज्ञातुं शक्नुवन्ते I अपि च संस्कृत पठनम्, लेखनम्, संभाषणम् कवि -काल विशेषादयः ज्ञायन्ते I संस्कृतभाषायाः सर्वव्यापकत्वं, अधुनातन काले कृत्रिम मस्तिष्केषु (कम्प्यूटर् यन्त्रेषु) तस्याः प्रयोगम् -प्रयोजनादीनि विषदयन्ति I अनुवादाभ्यासर्थं संस्कृतभाषा अति सुलभ भाषा भवति I संस्कृत भाषा माध्यमेन संस्कृति, संस्कारं, भारतीय आचार व्यवहाराण इत्यादिरपिज्ञातुं शक्नुवन्ते |
पाठ्यक्रम विवरण:
स्नातक पूर्व स्तरे प्रथम वर्षस्य संस्कृत पठ्यपुस्तकस्य नाम ‘’ सारस्वती सुषमा I ’’ अयं पुस्तकः पद्य , गद्य, व्याकरणम् इति त्रीणि विभागेन विभाजितःI कक्षे सर्वे छात्रा: पठनं, लेखनं,श्रवणं,वक्तव्यं(संभाषणम्) च करणीयम्I छात्राः एतानि विषयाणि ज्ञात्वा पठिष्यन्ति चेत् परीक्षे उत्तीर्णः भवेयुःI अधिक अङ्काण्यपि प्राप्नुवन्ति I
पाठ्यक्रम निष्कर्षः :-----
नूतनविषयावगाहण , नूतनशब्दार्थाः, व्याकरणज्ञानम् , व्याकरणं प्रयुक्त नूतन वाक्यनिर्माणम् ,नूतन आलोचनाज्ञानम् , नव्यसाहित्यनिर्माण पाठवं , इत्यादिविषयक अवगाहणार्थं उपाद्यायाः उपयुक्त पाठ्यप्रणालिक, टिप्पणी अपि ददाति।
CO.०१.शब्दस्य पूर्व स्वरूपं , तत् समीचीन अर्थज्ञानम् ।
CO.०२.पुरातन भारतीय संस्कृतिः , चारित्रक , इतिहासादि विषयानाम् परिणत ज्ञानं प्राप्नोति ।
CO.०३. आधिविद्ये मौखिक , लेखना नैपुण्यं आगमिष्यति।
CO.०४. परियोजनादि विजये स्वतन्त्रेन प्रदर्शनार्थं स्वशक्तिः प्राप्नोतिः
CO.०५. परिशीलनात्मक, आलोचनात्मक, सादृश्यनात्मक अध्यनादि विषयज्ञानं आगमिष्यति।
CO.०६. उपणिषदादि विषये अधुनिक आविष्करण स्थापने उपयुक्तः।
CO.०७. व्यवहारिक संस्कृत भाषायां लेखन अनुवाक निर्मानं आगच्छति।
CO.०८. विश्वमानव सौभ्रातृत्वं , वसुधैव कुटुम्बक निर्माने स्वकर्तव्यं संपूर्णं करोति।
CO.०९. साहित्य इतिहास श्रवणे स्वजीवित लक्ष्यं पुरयति।
CO.१०. अन्ते भाषायां जीवनेऽपि कुशलत्वं , प्रतिनिधित्वं, वक्त्रुत्वं, स्थैर्यं आगमिष्यति।
विषयानुक्रमणिका
खण्ड: - १ पद्यभगः कविः
१. मुदभिषेक्तुम् वरद त्वमर्हसि (वाल्मीकिमहर्षिः )
२. हिमालयो नाम नगाधिराजः ( महाकविः कालिदासः)
खण्ड: - २ गद्यभगः
३. धर्मबद्धो दौवारिकः (अम्बिकादत्तव्यासः)
४. कृतघ्ने नास्ति निष्कृतिः ( विष्णुशर्मा )
खण्ड: - ३ पद्यभगः
६. एष धर्मः सनातनः ( सुभाषितानि )
खण्ड: - ४ व्याकरणम्
७.शब्दाः ( पाणिनि )
८ .संस्कृतसम्भाषणाभ्यासः
खण्ड: - ५ व्याकरणम्
९. सन्धयः ( पाणिनि )
१०. संस्कृतसम्भाषणाभ्यासः
4. Syllabus Copy: https://www.osmania.ac.in/oldsite/Syllabus2021-22/UG/Fac%20of%20Arts/SanskritUG.pdf (Link)
5. Previous Year Question Papers: https://firstranker.com/osmania/ou-ba-last-10-years-question-papers-2010-2020-osmania-university-2/ (Link)
6. Course Handout: https://docs.google.com/document/d/102dDOVl2cwoCv1OnsB3i9Xk6pqyf7bH4/edit?usp=drive_link&ouid=110382830592782405783&rtpof=true&sd=true
7. Assignment related information: 2 Assignments to be submit.

- Teacher: SAIKIRAN D
- Teacher: Dr SOUMYA K
- Course Overview
Academic Year | 2025-26 |
Course code | SLS1 (HINDI) |
Course type | SL |
Course Title | HINDI |
Teaching hours per week | 3 hours |
Credits | 3 |
Instructor-In-charge : Dr. Akshara Singh MA, MPhil, PhD
Email ID : aksharasingh@stmaryscollege.in
About the Instructor
Assistant Professor of Hindi
Dr. Akshara Singh joined St. Mary’s College in 2004 and has a teaching experience that spans nearly 30 years. She keeps updating herself with the latest knowledge in her discipline and likes to interact with the students on contemporary issues and topics. Passionate about her work, she sets realistic goals and displays professionalism in her undertakings. She has served the institution as a member of several committees.
2. पाठ्यक्रम विवरण
स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष के द्वितीय भाषा हिंदी के विद्यार्थियों के मन में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति अभिरुचि जागृत करने का प्रयास प्रस्तुत पुस्तक (गद्य दर्पण एवं कथा सिंधु) में किया गया है I गद्य साहित्य की निबंध, कहानी, संस्मरण, जीवनी, यात्रा, एकांकी तथा व्यंग्य आदि विविध विधाओं के प्रसिद्ध साहित्यकारों की प्रतिभा के विविध रंगों से यह गद्य दर्पण सज्जित है I
आरम्भ में हिंदी की गद्य विकास यात्रा, हिंदी साहित्य के महान लेखक तथा उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालती है I विद्यार्थियों में समस्त कार्यों के प्रति उत्साह जाग्रत करने, उनमें नैतिक गुणों का विकास करने, उन्हें भारतीय संस्कृति की महत्ता से प्रेरित करने तथा देश और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सचेत करने की दृष्टि से इसमें महत्वपूर्ण निबंधों को चयनित किया गया है I
मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत कहानी तथा संस्मरण हृदय को संस्पर्शित करते हैं I इसमें निहित यात्रा वृत्त भारत भूमि के प्राकृतिक सौन्दर्य से अभिभूत करता है I इसके अतिरिक्त एकांकी तथा व्यंग्यपूर्ण निबंध वर्तमान सामाजिक तथा राजनीतिक विसंगतियों पर प्रकाश डालते हैं I
अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से बोधपरक विषय, भाषा तथा शैलीगत सरलता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है I लेखक परिचय, कठिन शब्दार्थ, पाठ संबंधित प्रश्न तथा हिंदी व्याकरण आदि विषयोपयोगी सामग्री से विद्यार्थी निःसंदेह लाभान्वित होंगे I यह पाठ्यक्रम निःसंदेह हिंदी गद्य-विधाओं का दर्पण है I कोई भी भाषा सीखना वैसे तो बहुत उपयोगी होता है । और किसी भी भाषा में संवाद कर पाना एक खास प्रतिभा मानी जाती है । भविष्य में छात्र चाहे जिस किसी भी क्षेत्र में काम करें, अगर वे सही भाषा का प्रयोग जानते हैं तो उन्हें उस क्षेत्र में महान उपलब्धि प्राप्त हो सकती है । जो लोग कई भाषाएं जानते हैं उन्हें करियर में कहीं ज्यादा बेहतर मौके मिल सकते हैं । वे भाषाओं को सुनने, सीखने और बोलने के साथ-साथ, अपनी खुद की भाषा की ओर भी एक नया दृष्टिकोण विकसित करते हैं ।
हिंदी भाषा का उद्देश्य
1. सरल एवं प्रभाव पूर्ण तथा स्पष्ट भाषा में अपने भाव और अनुभूतियों एवं विचारों को व्यक्त करना।
2. विद्यार्थियों के ज्ञान विवेक एवं चरित्र का विकास करना।
3. साहित्य का लक्ष्य उत्तम नागरिक उत्पन्न करना भी हैं इसीलिए हिंदी शिक्षण का
उद्देश्य नागरिकता के उत्तम से उत्तम गुणों का विकास भी हैं।
पाठ्यक्रम निष्कर्ष :
नई धारणाओं, शब्दावली और उचित व्याकरण और संरचना के साथ हिंदी का प्रयोग, नए विचारों या लेखों को बनाने या अन्य लोगों द्वारा बनाई गई आलोचनात्मक विषय पर टिप्पणी देना I
1. बोलने और लेखन कौशल का अधिक से अधिक प्रदर्शन
2. शब्दों और विचारों के बीच संबंधों को समझने की समझ
3. मानव संबंधों के प्रति सहानुभूति और सराहना की भावना रखना
4. छात्रों की कहानियों में दिलचस्पी का विकास करना
5. छात्र सबसे अलग अपनी पहचान बनाने का प्रयास करें
6. लेखन कला की उत्कृष्टता के लिए सरल और जटिल शब्दों का भंडारण करना
7. अपनी स्वयं की बनाई हुई दुनिया से बाहर निकल कर सीखने और समझने के
दौरान सहपाठियों को शामिल करते हुए, दूसरों के अनुभवों को महसूस करते हुए,
अपनी साहित्यिक शैली को पुष्ट करें
8. कौशल और प्रतिनिधित्व के साथ भाषा और व्याख्यानों के सिद्धांतों को समझें एवं
उन्हें आत्मसात करने का प्रयत्न करें
Text books
1. गद्य दर्पण
2. कथा सिन्धु
खण्ड : I गद्य दर्पण
1. चरित्र संगठन: बाबू गुलाबराय
2. बाज़ार दर्शन : जैनेंद्र कुमार
खण्ड : II गद्य दर्पण
1. भाभी : महादेवी वर्मा
2. भारत में संस्कृति संगम : रामधारी सिंह ‘दिनकर’
3. राष्ट्र का स्वरूप : वासुदेव शरण अग्रवाल
खण्ड : III कथा सिन्धु
1. सद्गति : प्रेमचंद
2. छोटा जादूगर : जयशंकर प्रसाद
3. सच का सौदा : सुदर्शन
खण्ड : IV कथा सिन्धु
1. प्रायश्चित : भगवती चरण वर्मा
2.चीफ की दावत : भीष्म साहनी
खण्ड : V व्याकरण
1. लिंग
2. वचन
3. काल
4. कारक
5. वाच्य
6. अनुवाद (कार्यालयीन हिंदी)
- Teacher: SAIKIRAN D
- Teacher: Dr. AKSHARA SINGH