Third semester SL courses

Course Summary

      On completion of SEMESTER III - FRENCH, you will be able to have the following competencies :

●      Narrate the current state of a city, its past and compare the two

●      Have a conversation at a restaurant with a waiter

●      Have a conversation at a clothes/shoe shop and buy objects

●      Indicate obligation, possibility, interdiction and recommendation

●      Give a command using imperative

●      Give suggestions about a place/restaurant

●      Speak about events in the past (vacations etc.)

●      Describe food and different quantities

●      Present your opinion on the quality of a restaurant (positive/negative)

●      Understand and respond to classroom instructions in French

You will learn basic vocabulary related to :

·      Food and ingrédients

·      Clothes and accessories

·      Travel, transport

·      Uncommon travel lodging

·      Adjectives to describe restaurants

You will learn basic grammar related to all seven parts of speech :

●      Verbs in present tense affirmation et négation ( aller, prendre, faire, lire, écrire, venir, choisir, sortir, dormir, offrir ), helping verbs (pouvoir, vouloir, devoir)

Pronominal reciprocal verbs (se rencontrer, se donner) , verbs in imperative (Fermez la porte!), verbs & their prépositions (s’intéresser à, s’inscrire à, rêver de, penser de)

Verbs in passé composé (être and avoir as auxillary) and in negation along with reflexive verbs

Verbs in imparfait

●      Nouns and determinants (partitif articles)

●      Tonical pronouns (moi, toi, lui, elle, nous, vous, eux, elles),

●      Objects pronouns (COD, COI, le pronom « en », le pronom « y »)

●      Conjunctions (parce que, pour, avec, et, ou)

●      Adjectives & gender (bon restaurant, ambiance nette)

●      Adverbs of place (ici, ailleurs, partout, nulle part etc.)

In addition you will also use interrogation (comment, qui, quoi, quand, quel/quelle, pourquoi) and punctuation in French (. , ? !) and the magic words (s’il vous plaît, merci, désolé(e)).

 


पाठ्यक्रम

        स्नातक स्तर के द्वितीय वर्ष के द्वीतीय भाषा हिंदी के विद्यार्थियों के मन में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति अभिरुचि जागृत करने का प्रयास प्रस्तुत पुस्तक (काव्य निधि एवं हिंदी साहित्य का इतिहास) में किया गया है I गद्य साहित्य की निबंध, कहानी, संस्मरण, जीवनी, यात्रा, एकांकी तथा व्यंग्य आदि विविध विधाओं के प्रसिद्ध      साहित्यकारों की प्रतिभा के विविध रंगों से यह (काव्य निधि एवं हिंदी साहित्य का इतिहास) सज्जित है I

      आरम्भ में हिंदी की गद्य विकास यात्रा, हिंदी साहित्य के महान लेखक तथा उनकी साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालती है I विद्यार्थियों में समस्त कार्यों के प्रति उत्साह जाग्रत करने, उनमें नैतिक गुणों का विकास करने, उन्हें भारतीय संस्कृति की महत्ता से प्रेरित करने तथा देश और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सचेत करने की दृष्टि से इसमें महत्वपूर्ण निबंधों को चयनित किया गया है I

       मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत कविताओं तथा संस्मरण हृदय को संस्पर्शित करते हैं I इसके अतिरिक्त निबंध वर्तमान सामाजिक तथा राजनीतिक विसंगतियों पर प्रकाश डालते हैं I

      अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से बोधपरक विषय, भाषा तथा शैलीगत सरलता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है I लेखक परिचय, कठिन शब्दार्थ, पाठ संबंधित प्रश्न, हिंदी साहित्य का इतिहास तथा हिंदी व्याकरण आदि विषयोपयोगी सामग्री से विद्यार्थी  निःसंदेह  लाभान्वित होंगे I यह  पाठ्यक्रम निःसंदेह हिंदी गद्य-पद्य-विधाओं का दर्पण    है I कोई भी भाषा सीखना  वैसे तो बहुत उपयोगी होता है । और किसी भी भाषा में संवाद कर पाना एक खास प्रतिभा मानी जाती है ।  भविष्य में छात्र चाहे जिस किसी भी क्षेत्र में काम करें, अगर वे सही भाषा का प्रयोग जानते हैं तो वे उस क्षेत्र में महान उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं । जो लोग कई भाषाएं जानते हैं उन्हें करियर में कहीं ज्यादा बेहतर मौके मिल सकते  हैं । भाषाओं को सुननेसीखने और बोलने के साथ-साथ, अपनी खुद की भाषा की ओर भी एक नया दृष्टिकोण विकसित करते हैं ।



भाषा प्रयोजनम्        

स्नातक पूर्व स्तरे द्वितीयवर्षस्य   द्वितीय भाषा संस्कृतम् अस्ति अस्मिन् संस्कृत भाषा , संस्कृत साहित्यम् वैदिकसाहित्यम्लौकिकसाहित्यम्पद्यगद्यरूपकव्याकरणादयः ज्ञातुं शक्नुवन्ते I अपि  संस्कृत पठनम्लेखनम्संभाषणम्  कवि -काल विशेषादयः ज्ञायन्ते I संस्कृतभाषायाः सर्वव्यापकत्वंअधुनातन काले कृत्रिम मस्तिष्केषु (कम्प्यूटर् यन्त्रेषु) तस्याः प्रयोगम् -प्रयोजनादीनि विषदयन्ति I अनुवादाभ्यासर्थं संस्कृतभाषा अति सुलभ भाषा भवति  I संस्कृत भाषा माध्यमेन संस्कृतिसंस्कारंभारतीय आचार व्यवहाराण इत्यादिरपिज्ञातुं शक्नुवन्ते |

पाठ्यक्रम विवरण:

स्नातक पूर्व स्तरे द्वितीयवर्षस्य संस्कृत पठ्यपुस्तकस्य नाम ‘’ सारस्वती सुषमा II’’ अयं

पुस्तकः पद्य , गद्य, व्याकरणम् इति त्रीणि विभागेन विभाजितःI कक्षे सर्वे छात्रा:

पठनं, लेखनं,श्रवणं,वक्तव्यं(संभाषणम्) च करणीयम्I छात्राः एतानि विषयाणि ज्ञात्वा

पठिष्यन्ति चेत् परीक्षे उत्तीर्णः भवेयुःI अधिक अङ्काण्यपि प्राप्नुवन्ति I